अंजानी राह अंजाना राही !
ठण्ड भड़ रही थी , सोचा की ऊनी कपडे ड्राई - क्लीन करवा लू ! जैसे ही मैंने अपने पुराने कोट की जेबों को खंगाला , कुछपुराने कागज़ हाथ आये ! यह पुराने कागज़ कुछ पुरानी रोमांचक कहानी बयां कर रहे थे , यह मेरे पिछले साल के चिल्का औरकोणार्क दर्शन के दौरान लिए गए बस एवं ट्रैन के टिकट थे ! उनको हाथ में पकडे न जाने कब मैं उन यादो में खो गया!चिल्का भारत की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है ! साइबेरिया से आये हुए प्रवासी पक्षी और डॉल्फिन्स झील के सबसेज्यादा चर्चित आकर्षण हैं !सी-फूड पसंद करने वाले लोगो के लिए तो चिल्का जन्नत है !कोणार्क का ब्लैक पगोडा सूर्य मन्दिर मानव इतिहास की बेमिसाल रचना हैं ! गुरुदेव टैगोर इस सौंदर्य से इतने अभिभूत हुएकी उन्होंने पत्थरो की भाषा को मानव की भाषा से ऊपर तरज़ीह दी !फिर से मंन उन दिनों में वापस जाने को करने लगा ! समुद्र तट का शांत किनारा, बेफिक्री में डूबा मन और ओडिशा का सरल,सौम्य एवं व्यवयासिकता से दूर सौंदर्य एक बहुत ही उम्दा ऑफ - ट्रैक अनुभव था !मैंने अपने कंपनी के दिए हुऐ लैपटॉप को बंद किया , जीन्स की जेब में कुछ पैसे डाले और अपने महीनो से प्रेस हुऐ रखेउसी लाल खादी कुर्ते को अपने ट्रैवल बैग में डाला और निकल पड़ा बेफिक्री दुनिया के लिए !मंज़िल तय नहीं थी , लोकल ट्रैन में कुछ यंग जेनरेशन आईटी गाइस बात कर रहे थे 'बाइक ट्रिप टू लद्दाख' के बारे में , वोजीवन में कभी इसे अनुभव करना चाहते थे !मुझे मेरी नयी मंज़िल मिल गयी थी !!! लद्दाख ई आम कमिंग फॉर यू !!
!! लद्दाख ई आम कमिंग फॉर यू !!
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